Top 7 Great Indian Scientists Material In Hindi
हमारे देश में समय समय पर ऐसे महान लोगो (Greatest Persons) ने जन्म लिया है जिन्होंने हमारे देश का नाम पूरे विश्व में ऊँचा किया है. इन महान लोगो ने न सिर्फ भारत को बल्कि पूरे विश्व को अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है.
ऐसे ही महान लोगो में शुमार है हमारे देश के 7 प्रसिद्ध महान वैज्ञानिक (Top 7 Great Indian Scientists), जिन्होंने विज्ञान (Science) के क्षेत्र में इस दुनिया को नयी खोज दी.
इस Article में हम आपके साथ उन 7 महान वैज्ञानिको के बारे में जानकारी दे रहे है, जो अपनी Telent के कारण पूरे विश्व में मशहूर है.
Great Indian Scientists
चंद्रशेखर वेंकट रमन (C. Properly. Raman)
C. V. Raman
भौतिकी में नोबेल पुरस्कार ( Chemist Prize ) पाने वाले सर चंद्रशेखर वेंकट रमन का जन्म तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली शहर में 7 नवम्बर सन को हुआ था.
इनके पिता का नाम चंद्रशेखर अय्यर व माता का नाम पार्वती अम्मा था। रमन के पिता भौतिक विज्ञान व गणित के टीचर थे जिस कारण उनकी कई किताबें रमन ने पढना शुरू कर दिया.
जिसका फल इन्हें आगे जाकर मिला और इन्होने स्पेक्ट्रम (Spectrum) से संबंधित रमन प्रभाव (Raman effect) का आविष्कार किया. इसी के चलते इन्हें सन में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला.
भारत सरकार ने विज्ञान के क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान के लिए देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ भारत रत्न ’ दिया. साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी भी उन्हें प्रतिष्ठित ‘लेनिन शांति पुरस्कार’ से सम्मानित किया.
सर रमन ने प्रमुख रूप से प्रकाश के प्रकीर्णन, रमण प्रभाव, तबले और मृदंगम के संनादी (हार्मोनिक) की प्रकृति की खोज की. बेंगलुरू में सर सी. वी रमन ने रमन रिसर्च इंस्टीटयूट की स्थापना की.
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Har Gobind Khorana
चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ हरगोविंद खुराना को जीन की संश्लेषण (Gene Synthesis) के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है.
इसका जन्म 9 जनवरी , रायपुर, मुल्तान (अब पाकिस्तान में) में हुआ था.
हरगोविंद खुराना का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था पर हरगोविंद खुराना ने हमेशा ही अपनी पढाई पर ध्यान दिया.
जेनेटिक कोड को समझने और प्रोटीन संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए सन में डॉ खुराना को चिकित्सा विज्ञान का नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया.
यह पुरस्कार डॉ खुराना को दो अमेरिकी वैज्ञानिकों डॉ.
राबर्ट होले और डॉ. मार्शल निरेनबर्ग के साथ साझा दिया गया. इनको बताया था की डी. एन. ए. प्रोटीन्स का संश्लेषण किस प्रकार से करता है.
अमेरिका ने उन्हें ‘नेशनल एकेडमी ऑफ़ साइंस’ की सदस्यता भी प्रदान की है. इनका निधन 9 नवम्बर को हुआ.
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Subrahmanyan Chandrasekhar
सन में भौतिकी में नोबल पुरस्कार से सम्मानित बीसवीं सदी के महानतम वैज्ञानिकों में शुमार सुब्रमण्यम चंद्रशेखर का जन्म 10 अक्टूबर सन को लाहौर में हुआ था.
सुब्रमण्यम चंद्रशेखर को तारों पर की गयी अपनी खोज के लिये जाना जाता है. इन्होने खगोलशास्त्र, भौतिकी और मैथ के क्षेत्र में बहुत ही बेहतरीन कार्य किये.
सुब्रमण्यम चंद्रशेखर भारत के महान वैज्ञानिक व नोबल पुरस्कार विजेता सी. वी. रमन के भतीजे थे.
इन्होने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अपने माता पिता से ही ली तथा बारह वर्ष में हिन्दू हाई स्कूल में एडमिशन लिया.
इन्होने भौतिकी में स्नातक की डिग्री सन में पूरी की और आगे की पढाई के लिए इंग्लैंड चले गये. चन्द्रशेखर चंद्रशेखर लिमिट की खोज के लिए हमेशा ही याद रखा जाए. इनकी मृत्यु 21 अगस्त सन को हुई.
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Dr. A.P.J. Abdul Kalam
मिसाइल मैन (Missile Man) के नाम से प्रसिद्ध और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए.
पी. जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 Oct सन को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था.
सन में डॉ कलाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में शामिल हुए.
डॉ कलाम को प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (एस.एल.वी. तृतीय) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय दिया जाता है.
Biff byford autobiography meaningइनके प्रयासों के कारण ही भारत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन पाया.
सन के पोखरण द्वितीय परमाणु परिक्षण में इनकी प्रमुख भूमिका थी. डॉ. कलाम ने स्वदेशी लक्ष्य भेदी (गाइडेड मिसाइल्स) को डिजाइन किया था व अग्नि एवं पृथ्वी जैसी मिसाइल्स को सिर्फ स्वदेशी तकनीक से बनाया.
डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को समाज व देश के लिए किये गये अपने सराहनीय कार्यो के लिए कई पुरस्कार मिले जिसमे भारत सरकार द्वारा दिए गये भारत के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न, पद्म भूषण व पद्म विभूषण शामिल है.
इनका निधन 27 जुलाई सन को शिलोंग, मेघालय में हुआ.
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Jagdish Chandra Basu
डॉ॰ जगदीश चंद्र बोस का जन्म 30 नवंबर सन को बंगाल में हुआ था.
सर जगदीश चंद्र बोस को भारत के प्रमुख वैज्ञानिको में गिना जाता है. इन्हें भौतिकी, जीवविज्ञान, वनस्पतिविज्ञान तथा पुरातत्व का बहुत ज्यादा ज्ञान था.
बोस पहले ऐसे वैज्ञानिक थे जिन्होंने रेडियो और सूक्ष्म तरंगों की प्रकाशिकी पर कार्य किया और वनस्पति विज्ञान में कई महत्त्वपूर्ण खोजें की.
इन्होने अपने स्नातक की शिक्षा ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रान्त में सेन्ट ज़ैवियर महाविद्यालय, कलकत्ता से की.
चिकित्सा की शिक्षा लेने के लिए बोस लन्दन विश्वविद्यालय गये लेकिन वहां स्वास्थ्य बिगड़ जाने के कारण वे भारत लौट आये.
भारत आने के बाद उन्होंने प्रेसिडेंसी महाविद्यालय में भौतिकी के प्राध्यापक का पद संभाला और साथ में वैज्ञानिक प्रयोग करते रहे.
इन्होने इसके बाद एक यन्त्र क्रेस्कोग्राफ़ का आविष्कार किया जिससे विभिन्न उत्तेजकों के प्रति पौधों की प्रतिक्रिया का अध्ययन किया. जिससे इन्होने यह खोजा की वनस्पतियों और पशुओं के ऊतकों में काफी समानता होती है.
वे सर बोस ही थे जिन्होंने पहली बार इस दुनिया को बताया की पौंधों में भी जीवन होता है. डॉ॰ जगदीश चंद्र बोस को रेडियो विज्ञान व बंगाली विज्ञान कथा-साहित्य का पिता माना जाता है.
इनकी मृत्यु 23 नवंबर सन को हुई.
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Homa Jahangir Bhabha
होमी जहांगीर भाभा भारत के महान परमाणु (Atom) वैज्ञानिक थे जिन्हें भारत के परमाणु उर्जा कार्यक्रम का जनक कहा जाता है.
वे भाभा ही थे जिनके प्रयासों के कारण ही भारत आज विश्व के प्रमुख परमाणु संपन्न देशों में शामिल है.
होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर सन को मुम्बई के एक सभ्रांत पारसी परिवार में हुआ था. होमी जहांगीर भाभा ने कॉस्केट थ्योरी ऑफ इलेक्ट्रान का प्रतिपादन किया व इसके साथ ही कॉस्मिक किरणों पर भी काम किया जो पृथ्वी की ओर आते हुए वायुमंडल में प्रवेश करती है.
उन्होंने ‘टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च’ (टीआइएफआर) और ‘भाभा एटॉमिक रिसर्च सेण्टर’ की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
वे भाभा ही थे जिन्होंने मुम्बई में भाभा परमाणु शोध संस्थान (Bhabha Atomic Research Institute) की स्थापना की थी. भाभा की एक विमान दुर्घटना में 24 जनवरी, को मृत्यु हो गई.
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Birbal Sahni
भारत के बेस्ट पेलियो-जियोबॉटनिस्ट (Paleo-Jiobotnist) डॉ बीरबल साहनी का जन्म 14 नवम्बर में शाहपुर जिले (अब पाकिस्तान में) के भेड़ा नामक गॉव में हुआ था.
इनके पिता का नाम प्रो. रुची राम साहनी था.
इनके पिता एक शिक्षा शास्त्री, विद्वान और समाज सेवी थे जिन्होंने बचपन से ही बीरबल के अंदर विज्ञान को बढ़ावा दिया.
डॉ बीरबल साहनी एक भारतीय पुरावनस्पती वैज्ञानिक बने, जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप के जीव अवशेषों का अध्ययन किया और इस क्षेत्र में बहुत सफलता पाई.
डॉ बीरबल ने लखनऊ में ‘बीरबल साहनी इंस्टिट्यूट ऑफ़ पैलियोबॉटनी’ की स्थापना की.
पुरावनस्पति के क्षेत्र में इनका योगदान बहुमूल्य है. बीरबल साहनी की ख्याति पूरे विश्व में है.
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